- निगमन और आगमन विधियां भाग पहला
- शशी
अग्रवाल इकोनामिक तथा लॉ क्लासेस
- व्यष्टि अर्थशास्त्र
- निगमन
और आगमन विधियां
- अर्थशास्त्र के
अध्ययन तरीके हैं जिनकी सहायता से मनुष्य के आर्थिक व्यवहार के संबंध में
नतीजे निकाल सकते हैं तथा उनकी सत्यता की जांच करके आर्थिक सिद्धांतों का
निर्माण किया जा सकता है।
- विधि शब्द से
मतलब तकनीकों से जिसका प्रयोग अर्थशास्त्री आर्थिक सिद्धांतों के निर्माण तथा
उसकी पुष्टि करने के लिए करते हैंI
- THE TERM METHOD REFERS TO THE TECHNIQUES
EMPLOYED BY ECONOMISTS IN BOTH THE CONSTRUCTION AND VERIFICATION OF
ECONOMICS PRINCIPLES. ( PETERSON)
- निगमन और आगमन
विधियां
- निगमन विधि
- आगमन विधि
- निगमन विधि
DEDUCTIVE METHOD
1.
परीकाल्पनिक विधि ( HYPOTHETICAL METHOD)भी कहा जाता है क्योंकि यह परिकल्पना का
निर्माण करते हैं I
2.
इससे अमूर्त विधि
( ABSTRACT METHOD) भी कहा जाता है क्योंकि इसमें किसी समस्या से संबंधित
एवं महत्वपूर्ण तथ्यों के आधार पर नतीजे निकाले जाते हैं
3.
इस अनुभव निरपेक्ष भी कहा जाता है किसके द्वारा क्योंकि इसके द्वारा नियमों का निर्माण
करने के लिए पहले के अनुभवों की आवश्यकता नहीं होतीI
4.
बौद्धिक प्रयोग ( METHOD OF INTELLECTUAL EXPERIMENTS)की विधि भी कहा जाता हैI ( BOULDING)
- निगमन विधि
DEDUCTIVE METHOD
·
इस विधि का प्रयोग परंपरावादी अर्थशास्त्री जैसे अदम स्मिथ ,रिकार्डो तथा नव परंपरावादी ,वालरस
·
आधुनिक अर्थशास्त्री रॉबिन ,फ्रीडमैन
1.
निगमन विधि हो विधि है जिससे सामान्य सत्य के आधार पर हम एक विशिष्ट
सत्य को जानने की कोशिश करते हैंI
2.
इस विधि द्वारा कि के आर्थिक नियम का निर्माण का काम उससे संबंधित एक
सामान्य कथन से शुरू किया जाता हैI
3.
इसके बाद एक सामान्य कथन से कुछ मान्यताएं निर्धारित की जाती हैI
4.
इन मान्यताओं के आधार पर तर्क के द्वारा निष्कर्ष निकाले जाते हैं या
भविष्य कथन किए जाते हैंI
5.
इन तथ्यों की जांच की जाती है अगर यह निष्कर्ष
6.
7.
इन तथ्यों की जांच की जाती है अगर यह निष्कर्ष तत्वों के आधार पर सहीं निकलते हैं तो उस सामान्य कथन को
नियम मान लिया जाता है
8.
परंतु अगर तथ्यों की पुष्टि नहीं होती तो नियम के अंदर संशोधन किया जाता है ,यहां उसकी जगह कोई दूसरा नियम बनाया जाता हैI
1.
मनुष्य मरणशील हैI
2.
शाम एक मनुष्य है I
3.
इसलिए कह सकते हैं शाम मरणशील हैI
- परिभाषा
- निगमन सामान्य
सिद्धांतों द्वारा वशिष्ठ निष्कर्षों की निकालने की प्रक्रिया है I
- DEDUCTION IS THE
METHOD OF USING A GENERAL PRINCIPLE TO REACH SPECIFIC CONCLUSIONS.
PROFESSOR MILLER
- STEPS/निगमन
विधि की अवस्थाएं
- STEPS/निगमन
विधि की अवस्थाएं
- STEPS/निगमन
विधि की अवस्थाएं
- परीकाल्पनिक /सामान्य कथन : सामान्य कथन को कहते हैं जिसका केवल अनुमान
लगाया जा सकता है तथा जिसे अभी तथ्यों
या अनुभव के
आधार पर सिद्ध नहीं किया जाता है I
- सामान्य कथन
है कि किसी
वस्तु की कीमत उसके मांग तथा पूर्ति के द्वारा के द्वारा निर्धारित की जाती हैI
- Iमान्यताएं :मान्यताओं मात्र
परिस्थितियों से है जिससे आर्थिक व्यवहार पर परिकल्पना सही होती है
- वस्तु की बहुत
क्रेता तथा विक्रेता होती हैं , इसलिए बाजार प्रतियोगी है
- वस्तु की कीमत
के कम होने पर मांग बढ़ जाती है तथा कीमत के बढ़ने पर मांग कम हो जातीI
- वस्तु की कीमत
बढ़ने पर पूर्ति बढ़ती है तथा कीमत के कम होने पूर्ति कम हो जाती हैI
- तार्किक निष्कर्ष ( LOGICAL
CONCLUSIONS) : मान्यताओं
के आधार पर आर्थिक घटनाओं के संबंध में तर्क के आधार पर निष्कर्ष निकाला जाता
हैI
- ऊंची कीमत पर
वस्तु की पूर्ति वस्तु की मांग से ज्यादा होती है जिसके कारण प्रतियोगिता के
कारण वस्तु की कीमत में कमी है I
- इसके कम कीमत पर
वस्तु की पूर्ति उसके से मांग से कम
होगीI
नहीं कम होगी जिसके
कारण कि कीमत में वृद्धि हूंI
- मांग और पूर्ति
जब बराबर होते हैं तो उनमें कीमत में परिवर्तन नहीं आता I
- कह सकते हैं
बाजार कीमत मांग तथा पूर्ति की शक्तियों के द्वारा निर्धारित होती है
·
PREDICTION (भविष्य कथन) : किसी वस्तु की
पूर्ति में वृद्धि होने के कारण उसके बाजार कीमत में कमी तथा पूर्ति में कमी होने के कारण बाजार कीमत में
वृद्धि होगी
I
यह घटनाओं के कारण तथा परिणाम में संबंध स्थापित करते हैं
·
भविष्य कथनों की जांच /सामान्य से व्यक्तिगत निष्कर्ष : VERIFICATION
OF PREDICTION OR REASONING FROM GENERAL TO PARTICULAR : यदि भविष्य
कथन तथ्यों के अनुसार है तो उसे सविकार कर दिया जाता है
अगर वास्तविक भविष्य कथन तथा वास्तविक तथ्यों के अंदर अंतर पाया जाता है तो इस
सिद्धांत को स्वीकार नहीं किया जाताI नियम के अंदर संशोधन
किया जाता है ,यहां उसकी जगह कोई दूसरा नियम बनाया जाता हैI
·
भविष्य कथनों की जांच /सामान्य से व्यक्तिगत निष्कर्ष :
·
जैसे कि गेहूं की फसल अच्छे होने से उसकी कीमत कम हो जाती है परंतु अगर
गेहूं की फसल खराब हो जाती है तो उसकी कीमत बढ़ जाती है I
- निगमन
विधि के लाभ
- सरल
विधि है : SIMPLE METHOD :इसके अंदर तत्वों को इकट्ठा करना ,उनका विश्लेषण करना की जरूरत नहीं होती
यहां पर हम सामान्य सिद्धांत के आधार पर तर्क के द्वारा वशिष्ठ सत्य का पता
लगा सकते हैंI
- CERTAINTY AND CLARITY :
इस विधि के अंदर तर्क
का प्रयोग किया
जाता है अगर हमारी आधारभूत मान्यताएं सही तो तर्क के आधार पर निकाले गए
वशिष्ठ नतीजे भी निश्चित तथा सही होंगेI
- निष्पक्षता (IMPARTIAL) : इसके अंदर तत्वों को इकट्ठा करना ,उनका विश्लेषण करना की जरूरत नहीं होती
I
-
सर्वव्यापकता ( UNIVERSALITY ) :
नियम सर्व व्यापक होते हैं क्योंकि यह नियम
मनुष्य की
सामान्य प्रकृति तथा सभा के ऊपर आधारित होते हैं जैसे के घटते सीमांत
उपयोगिता का नियमI
- FORECAST : भविष्यवाणी करना अन्य बातें समान रहने पर अन्य
बातें समान रहने पर आर्थिक निष्कर्षों के संबंध में सही भविष्यवाणी करना संभव होते हैं I
- LESS EXPENSIVE :
कम खर्चीली
- MORE SUITABLE :
इसके अंदर प्रयोगशाला में प्रयोग करने की जरूरत नहीं होती यह विधि
अर्थशास्त्र जैसे समाजिक विज्ञान के अध्ययन के लिए बहुत ज्यादा सही हैI
- COMPLEMENTARY TO INDUCTIVE METHOD
- निगमन
विधि के दोष
·
CRITICIZED BY ROCHER,HILDERBRAND
- UNREALISTIC ASSUMPTIONS :
अवास्तविक मान्यताएं
- DIFFICULTY IN VERIFICATION :
निष्कर्ष जांच में कठिनाई
- STATIC APPROACH : स्थिर दृष्टिकोण
- अर्थशास्त्र के
पूर्ण विकास की कम संभावना
- बौद्धिक खिलौना ( LACK OF PERSONAL EXPERIENCE)
- अनुभव का अभाव
व्यक्तिगत ( LACK OF
PERSONAL EXPERIENCE)
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