- उपभोक्ता का संतुलन
CONSUMER’S EQUILIBRIUM - गणना वाचिका उपयोगिता
-
CONSUMER’S EQUILIBRIUM
- ऐसी स्थिति
है जिसके अंदर उपभोक्ता जिसकी सीमित आमदन हैं और वह अधिकतम संतुष्टि प्राप्त
करना चाहता हैI उपभोक्ता सीमित आमदन को खर्च करता है उसे अधिकतम संतुष्ट हो Iवर्तमान वर्तमान तरीके से अपनी
खर्च के अंदर खर्च के अंदर कोई परिवर्तन नहीं लाना चाहता तो, हम कहते हैं कि उपभोक्ता जो है संतुलन के अंदर हैi
- एक
उपभोक्ता उस समय संतुलन की अवस्था में होता है जब अपने व्यवहार को वर्तमान
परिस्थितियों में सबसे अच्छा मानता है तथा उसमें जब तक परिस्थितियों में परिवर्तन नहीं होता ,कोई परिवर्तन करना पसंद नहीं करता I
- PROFESSOR
TIBER SCITOVOSKY,” A CONSUMER IS IN EQUILINRIUM WHEN HE REGARDS AS HIS
ACTUAL BEHAVIOUR AS THE BEST POSSIBLE UNDER THE CIRCUMSTANCES REMAIN
UNCHNAGED.”
- ASSUMPTIONS (मान्यताएं)
- उपभोक्ता
विचारवान है उपभोक्ता सीमित आमदन को खर्च करता
है उसे अधिकतम, संतुष्टि प्राप्त करना चाहता I
- अब
उपयोगिता को मापा जा सकता है।
- मुद्रा
उपयोगिता constant रहती है
- प्रत्येक
वस्तु की उपयोगिता पर है स्वतंत्र हैi
- उपभोक्ता
की आय में परिवर्तन नहीं होता
- उपभोक्ता
की रुचि ,फैशन तथा आदतों में परिवर्तन नहीं
होता स्वभाव मैं परिवर्तन नहीं होता
- वस्तु तथा
इसके प्रतिस्थापन की कीमत में परिवर्तन नहीं होता।
- उपभोक्ता संतुलन का निर्धारण
- उपभोक्ता
संतुलन का निर्धारण तीन अवस्था में पता लगाया जा सकता है।
- एक ही वस्तु जिसका केवल एक ही प्रयोग किया जा सकता है।
- एक ही वस्तु अलग-अलग उपयोग किए जा सकते हैं 1
- अलग-अलग
वस्तुओं
(SEVERAL COMMODITIES)
- उपभोक्ता
संतुलन का निर्धारण
एक ही वस्तु जिसका केवल एक ही प्रयोग किया जा सकता है।
- जब कोई
उपभोक्ता उपभोक्ता किसी वस्तु को खरीदना है उसके लिए उसको कीमत देनी पड़ती हैI उपभोक्ता वस्तु की प्रत्येक इकाई के लिए कीमत के रूप में कुछ त्याग
करता है, जिसके बदले में उसे वस्तु के उपभोग से कुछ उपयोगिता प्राप्त होती हैi
- घटती
सीमांत उपयोगिता के नियम के अनुसार वस्तु की प्रत्येक अतिरिक्त इकाई से के
प्राप्त होने वाली संतुष्टि घटती जाती है और मुद्रा की सीमांत उपयोगिता एक समान रहती है I
- UTILITY
GAINED=UTILITY SACRIFICED
- उपभोक्ता संतुलन का निर्धारण
एक ही वस्तु जिसका केवल एक ही प्रयोग किया जा सकता है।
- X एक की बाजार कीमत ₹1 है और सीमांत उपयोगिता 20 हैIमुद्रा उपयोगिता constant रहती हैi
- उपभोक्ता
वस्तु की 4 इकाइयां खरीदा है ,उससे मिलने वाली सीमांत उपयोगिता तथा के कीमत के
रूप में कुछ त्याग करता है, दूसरे के बराबर है I
- MUX
= Px
- उपभोक्ता e बिंदु पर संतुलन की अवस्था में होता है जहां पर कीमत तथा चौथी वर्ष चौथी
इकाई की सीमांत उपयोगिता बराबर हैi
- DIAGRAM
- D
- एक ही वस्तु अलग-अलग उपयोग किए जा सकते हैं
SINGLE COMMODITY WITH SEVERAL USES - उपभोक्ता संतुलन की स्थिति में उस समय होगा जब को वस्तु की मात्रा का
अलग-अलग उपयोगों में इस प्रकार बटवारा करता है कि प्रत्येक उपयोग से मिलने वाली सीमा प्रतियोगिता बराबर हो जाएI
- MU OF A USE=MU B USE=MU OF C USE
- एक ही वस्तु अलग-अलग उपयोग किए जा सकते हैं
SINGLE COMMODITY WITH SEVERAL USES - एक ही वस्तु अलग-अलग उपयोग किए जा सकते हैं
SINGLE COMMODITY WITH SEVERAL USES - D
- अलग-अलग वस्तुओं (SEVERAL COMMODITIES)
- जब एक उपयोगिता
अपनी निर्धारित आए को अनुसार 1 से अधिक वस्तुओं पर खर्च करता है और अधिक
संतुष्टि के लिए अलग-अलग वस्तुओं से मिलने वाली सीमांत उपयोगिता में को तुलना करता हैi
- उपभोक्ता
को उस वक्त अधिकतम संतुष्टि प्राप्त होती है जब प्रत्येक वस्तु पर खर्च की
जाने वाली मुद्रा की अंतिम इकाई मिलने वाली इकाई से सीमांत उपयोगिता बराबर होi
- MU OF
A COMMODITY= MU OF B COMMODITY=MU
OF C COMMODITY
- MUX
= MUY =MU OF MONEY
5.
MUX / PX =
MUY / PY =MU OF
MONEY
- अलग-अलग
वस्तुओं
(SEVERAL COMMODITIES)
- LINK FOR LAW OF EQUIMARGINAL UTILITYhttps://www.gargshashi.com/2020/09/LAW-EQUI-MARGINAL-UTILITY.html
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