DYNAMIC THEORY OF PROFIT
लाभ की मुख्य धारणा
•
गत्यात्मक सिद्धांत
- SHASHI AGGARWAL ECONOMICS AND LAW CLASSES
- MEANING OF PROFIT
- लाभ
-
MEANING OF PROFIT
•
एक उद्यमी का UNCERTAINTY
सहन करना है या जोखिम
उठाना होता है उद्यमी को इन कार्यों के बदले में जो आय प्राप्त होती है उसे हम लाभ
कहते हैंI
•
अर्थशास्त्रियों के अनुसार उधमी अपने बिजनेस की कुल आय में से कुल लागत को
घटाकर जो प्राप्त करता है उसे आर्थिक लाभ कहते हैं I सेवाओं के
बदले में दिए जाने वाले भुगतान को लाभ कहा जाता है मतलब लाभ भी एक साधन कीमत है I
• HENRY GRASON,” PROFIT MAY BE
CONSIDERED A REWARD FOR MAKING INNOVATIONS, REWARD FOR ACCEPTING RISK AND
UNCERTAINTIES AND MARKET IMPERFECTIONS
•
लाभ की मुख्य धाराएं ( CONCEPTS OF PROFIT)
•
साधारण बोलचाल की भाषा में लाभ का शब्द का प्रयोग कुल लाभ लिए किया जाता है GROSS PROFIT = TOTAL REVENUE-EXPLICIT
COSTS
•
CONSTITUENTS OF GROSS PROFIT
1.
INTEREST
ON ENTREPRENEUR’S CAPITAL
2.
INSURANCE
CHARGES
3.
WAGES
OF ENTREPRENEUR’S OWN LABOUR
4.
RENT ON ENTREPRENEUR’S LAND
5.
DEPRECIATION
CHARGES
6.
PURE
PROFIT
•
शुद्ध लाभ का मतलब है ( NET
PROFIT)
•
ECONOMIC PROFIT= GROSS PROFIT-IMPLICIT COST
•
ECONOMIC PROFIT= TOTAL REVENUE-TOTAL COST
•
ELEMENTS OF NET PROFIT
1.
REWARD FOR TAKING RISK
2.
REWARD FOR UNCERTAINTY
3.
REWARD FOR ABILITY
4.
MONOPOLY GAINS
5.
WINDFALL GAINS
6.
REWARDS FOR INNOVATIONS
•
क्या लाभ कीमत में शामिल होता है
•
सेवाओं के बदले में दिए जाने वाले भुगतान को लाभ कहा जाता है मतलब लाभ भी
एक साधन कीमत है
•
COST AND NORMAL PROFIT अवशेष भुगतान है Iहै यह कीमत में शामिल होता लागत तथा लागत
तथा माने ना सामान्य लाभ एक उद्यमी को किसी बिजनेस के अंदर लगाए रखने के लिए दी
जाने वाली न्यूनतम राशि को लाभ कहा जाता Iयह उधमी तथा उनके साधनों के अवसर लागत आदि के खर्चे आदि के, बीमा आदि के
खर्चे के बराबर होती है I
•
COST AND SUPERNORMAL PROFIT : यह लागत में शामिल नहीं होता I योगिता ,
•
एकअधिकारी स्थिति , अचानक होने वाले GAINS के कारण उत्पन्न होता है I
•
यह लागत से ऊपर मिलने वाला ज्यादा है
•
गत्यात्मक लाभ के
सिद्धांत। DYNAMIC
THEORY OF PROFIT
1.
इस सिद्धांत को जेबी क्लॉक ( J.B. CLARK) ने दिया है उसके अनुसार लाभ गत्यात्मक ( DYNAMIC) अधिक है जो केवल जो केवल गत्यात्मक स्थिति में
पैदा होता है तथा अगत्यात्मक अवस्था में अवस्था में लाभ नहीं मिलताI
2.
प्रोफेसर क्लार्क के मुताबिक गत्यात्मक अवस्था में वस्तु की कीमत तथा लागत के कारण लाभ पैदा होता है
3.
STATIC CONDITIONS जैसे मांग,
जनसंख्या आदि में कोई परिवर्तन
नहीं होता क्योंकि इस अवस्था में उद्यमी के लिए कोई जोखिम ,UNCERTAINTYनहीं होतीI
4.
प्रत्येक साधन उसके MARGINAL PRODUCTIVITY (सीमांत उत्पादकता) उत्पादक आय
प्राप्त होती हैI
5.
उनको केवल प्रबंध की मजदूरी अर्थात NORMAL लाभ प्राप्त होता हैI
6.
वस्तु की कीमत तथा और लागत औसत लागत बराबर होती हैI इसमें आर्थिक लाभ नहीं होता
7.
क्लार्क के गत्यात्मक अवस्था वास्तविक जीवन में अवस्था पाई जाती है
•
गत्यात्मक अवस्था में पांच प्रकार के परिवर्तन आते हैंI
1.
जनसंख्या में परिवर्तन के कारण मांग की मात्रा में होने वाले परिवर्तन I
2.
मांग के प्रकार में प्रवर्तन
3.
उत्पादन की तकनीक में परिवर्तन
4.
पूंजी की मात्रा में परिवर्तन
5.
व्यवसायिक संगठनों के रूप में परिवर्तन
•
इसके कारण मांग कम या अधिक हो सकती हैI
•
उत्पादन तकनीक तथा पूंजी की मात्रा में परिवर्तन आने से पूर्ति में
परिवर्तन हो सकती हैI
•
जिसकी वजह से कुल आय तथा कुल लागत में अंतर आने की वजह से प्रॉफिट होता हैI
• एक अर्थव्यवस्था में जहां कोई UNCERTAINTY,RISK नहीं होता वहां कोई लाभ नहीं होता Iगत्यात्मक अर्थव्यवस्था में होने वाले परिवर्तन के कारण जो असंतुलन पैदा
होता है उसके फल जो उसके कारण ही लाभ प्राप्त होता है
•
आलोचना CRITICISM
•
PROFESSOR नाइट कहते हैं, कि सभी प्रकार के परिवर्तन के कारण लाभ उत्पन्न नहीं
होता
•
प्रवर्तन दो प्रकार के हो सकते हैं ,
1.
एक परिवर्तन जिसका पहले से ही अनुमान लगाया जा सकता है इन परिवर्तनों का
बीमा करवा कर LOSS से बचा जा सकता हैI
2.
दूसरी प्रकार की अनिश्चित जिनका पहले से कोई अनुमान नहीं लगा सकता
अनिश्चित परिवार परिवर्तनों के के कारण लाभ पैदा होता हैI
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