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घटती सीमांत उपयोगिता का नियम
LAW OF DIMINISHING MARGINAL UTILITY• SHASHI AGGARWAL ECONOMICS
AND LAW CLASSES
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घटती सीमांत उपयोगिता ( LAW OF DIMINISHING MARGINAL UTILITY)
• घटती सीमांत उपयोगिता
का नियम 19वीं शताब्दी के कई अर्थशास्त्र जैसे बेंथम, गोसेन, जेवनस मेजर तथा वायरस ने इस
नियम को विकसित करने के लिए उत्तरदाई है I जेवनस के साथ यह नियम WEBNER FECHNER मनोवैज्ञानिक नियम पर आधारित है
जिसके किसी वस्तु की मात्रा बढ़ने पर उसकी अतिरिक्त इकाइयों का महत्व कम होता जाता
है नव Iपरंपरावादी marshall अर्थशास्त्र चलने भी इस नियम की व्याख्या की है इस नियम को
गोसेन का प्रथम नियम कहा जाता है। GOSSEN ‘S FIRST LAW
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वस्तु की प्रत्येक अगली इकाई से मिलने वाली सीमांत
उपयोगिता अन्य बातें समान रहने पर पिछली इकाई की तुलना से कम होती जाती है सीमांत
उपयोगिता की इस घटना की प्रवृत्ति को ही घटित सीमांत उपयोगिता कन्हैया कहा जाता है
सीमांत उपयोगिता का नियम कहा जाता
• DEFINITION
• मार्शल के मुताबिक,” एक मनुष्य के पास किसी वस्तु की जितनी मात्रा हो
उसमें निश्चित वृद्धि के फल स्वरूप के उस व्यक्ति को जो अतिरिक्त उपयोगिता प्राप्त
होती है वह उसकी मात्रा में होने वाली प्रत्येक वृद्धि के साथ कम होती जाती हैi
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MARSHALL,” THE ADDITIONAL BENEFIT WHICH A PERSON
DERIVES FROM A GIVEN STOCK OF A THING DIMINISHES WITH EVERY INCREASE IN THE
STOCK THAT HE ALREADY HAS”
• Assumptions (मान्यताएं)
1.
अब उपयोगिता को मापा जा सकता है।
2.
मुद्रा उपयोगिता constant रहती है
3.
प्रत्येक वस्तु की उपयोगिता पर है स्वतंत्र हैi
4.
उपभोक्ता की आय में परिवर्तन नहीं होता
5.
उपभोक्ता की रुचि ,फैशन तथा आदतों में
परिवर्तन नहीं होता स्वभाव मैं परिवर्तन नहीं होता
6.
वस्तु तथा इसके प्रतिस्थापन की कीमत में परिवर्तन
नहीं होता।
7.
वस्तु की उचित माता का उपयोग किया जाता है अब
परिवर्तन नहीं होता
8.
Assumptions (मान्यताएं)
9.
वस्तु का उपभोग निरंतर होता है
10.
वस्तु के हर एक अकाई समान गुण तथा आकार की होती हैi
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व्याख्या (
EXPLANATION)
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व्याख्या (
EXPLANATION)
• इस तालिका से पता चलता
है जैसे-जैसे हम आइसक्रीम का सेवन करते जाते हैं उससे मिलने वाली सीमांत उपयोगिता
कम होती जाती है। जब हमने पाचवा आइसक्रीम कप लिया हमने उससे हमें जीरो सीमांत
उपयोगिता मिली . 6 TH CUP ICECREAM खाने पर खाने पर ऋण आत्मक हो गईI
• DIAGRAM
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D
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व्याख्या (
EXPLANATION)
• इस रेखा चित्र सेसे
पता चलता है जैसे जैसे हम जैसे-जैसे हम आइसक्रीम का उपभोग करते जाते हैं उससे
मिलने वाली सीमांत उपयोगिता कम होती जाती है पांचवी कप (A) पर वह जीरो हो जाती है, और उसके बाद ऋण आत्मक हो जाती
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अपवाद (
EXCEPTIONS)
• दुर्लभ तथा
विचित्र अवस्थाएं वस्तुएं ( CURIOUS AND RARE THINGS) :- यह कहा जाता है के दुर्लभ तथा विचित्र वस्तुओं के
सबंध में यह नियम लागू नहीं होता ,जैसे के व्यक्ति पुराने सिक्के, डाक टिकट तथा दुर्लभ चित्र इकट्ठा करते हैं तो जैसे
जैसे ऐसी वस्तुओं का STOCK बढ़ता जाता उतनी ही MARGINAL UTILITY उनके बढ़ती जाती हैI परंतु यह नहीं है यदि एक जैसे सिक्के इकट्ठे होते
जाएं तो उनकी सीमा तक योगिता अवश्य कम होती हैi
• अच्छी
पुस्तक या कविता ( GOOD BOOK OR POEM) :- यह कहा जाता है
कि अच्छी पुस्तकें ,मधुर गीत या सुंदर कविता को बार-बार पढ़ने से यह सुनने से अधिक उपयोगिता मिलती
है परंतु यह अपवाद भी सही नहीं है। अगर हम एक ही गीत को बार-बार सुनते हैं तो उससे
मिलने वाली सीमा उपयोगिता कम होती जाती है।
• कंजूस
व्यक्ति ( MISER ): यह कहां जाता है
कंजूस व्यक्तियों पर नहीं लागू होता उनके पास कितनी धन बढ़ता जाता है iधन को प्राप्त करने की
लालसा बढ़ती जाती हैi परंतु यह अपवाद भी सही
नहीं है। जब किसी व्यक्ति भोजन तथा कपड़ों के लिए जो मुद्रा खर्च करता है वह
मुद्रा की उस राशि को सोने चांदी पर खर्च नहीं कर पाता। उसके बाद जितना सोना चांदी
अधिक होता है सोने चांदी की उपयोगिता कम हो जाती है तथा भोजन पास कम होता है उसकी
उपयोगिता बढ़ जाती हैi
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शराबी ( DRUNKARD) व्यक्ति यह कहा
जाता है जब कोई व्यक्ति यह कहा जाता है जैसे जैसे वह ज्यादा शराब पीता है
तो वह अधिक शराब की मांग करता हैi इस प्रकार शराबी व्यक्ति को इस
नियम का अपवाद माना जाता है माना जाता हैiपरंतु यह अपवाद सही
नहीं है क्योंकि एक अवस्था आती है जब शराबी ज्यादा शराब पीने से बेहोश हो जाता है
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प्रारंभिक इकाइयां ( INITIAL UNITS) :जब किसी वस्तु के
कार्यों को उपयुक्त मात्रा कम मात्रा में प्रयोग किया जाता है अतिरिक्त इकाइयों से
प्राप्त होने वाले सीमांत उपयोगिता बढ़ने लगती है।
• CAUSES
• वस्तुएं
अपूर्ण स्थानापन्न ( IMPERFECT SUBSTITUTES) : प्रोफेसर बोर्डिंग के अनुसार इस नियम के लागू होने का पहला
कारण यही है कि वस्तुएं अपूर्ण स्थानापन्न होती है।
• विशेष आवश्यकताओं
की संतुष्टि ( SATURATION OF PARTICULAR WANTS) :दूसरा कारण यह है कोई
भी ऐसी विशेष आवश्यकता नहीं होती जिसे पूर्णता संतुष्ट नहीं किया जा सकता।
संतुष्टि बिंदु तक पहुंचने के बाद अगर उस वक्त की एक और इकाई का प्रयोग किया जाता
है उससे मिलने वाली सीमा तक योगिता कम हो जाती है
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वैकल्पिक प्रयोग ( ALTERNATIVE USES) :प्रत्येक वस्तु के कई
प्रयोग होते हैं iकुछ प्रयोग अधिक महत्वपूर्ण तथा कुछ का कम महत्वपूर्ण iBAUMOL हमारे पासयह नियम लागू होता है क्योंकि हर एक व्यक्ति ज्यादा
महत्व वाली प्रयोग को पहला स्थान देता है। अगर हमारे पास दूध का कम मात्रा में है और घर
में छोटा बच्चा है तो उसे बच्चे को पिलाने में प्रयोग करेंगे
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आलोचनाएं (
CRITICISM)
1.
उपयोगिता को मापा नहीं जा सकता नहीं जा सकता। ( CARDIAL
MEASUREMENT OF UTILITY IS NOT POSSIBLE)
2.
मुद्रा की सीमांत उपयोगिता सीमांत उपयोगिता CONSTANT नहीं रहतीI प्रत्येक वस्तु प्रत्येक प्रत्येक वस्तु एक स्वतंत्र वस्तु
नहीं हैI
3.
सीमांत उपयोगिता का अनुमान सभी अवस्था में नहीं
लगाया जा सकताI परंतु वास्तविक जीवन में ऐसी कई
वस्तुएं जीवन में जीवन में वास्तविक जीवन में कई वस्तुएं जीवन में कई वस्तुएं
अविभाजित होती है
4.
अवास्तविक मान्यताएं :कई यह नियम कई अवास्तविक मान्यताएं पर आधारित है यह तभी लागू होता है जब होता कि रुचि. INCOME,फैशन आए एक जैसे रहते हैं परंतु वास्तविक जीवन में
इनमें परिवर्तन आ जाता है
Thnks for this notes really very helpful and i loved it thank u so much😍😍
ReplyDeleteकुछ बहुत शब्द गलत लिखा हुआ है
ReplyDeleteइसे सुधारे। 🙏