•
प्रबंधकीय अर्थशास्त्र के प्रकृति
के व क्षेत्र
NATURE AND SCOPE OF MANAGERIAL ECONOMICS
NATURE AND SCOPE OF MANAGERIAL ECONOMICS
• INTRODUCTION
•
प्रबंध ( MANAGEMENt
) और अर्थशास्त्र ( ECONOMICS)की बीच घनिष्ठ संबंध होने के फलस्वरूप अर्थशास्त्र का विकास
हुआ है ।
• BY KOONTZ AND O DONNEL प्रबंधकीय अर्थशास्त्र औपचारिक रूप से समूहों में
संगठित व्यक्तियों के द्वारा तथा उनके साथ मिलजुल कर काम कराने की कला है
• प्रबंध की निम्नलिखित
विशेषताएं होती है ।
- समन्वय ( COORDINATION )
- उद्देश्य पूर्ण क्रिया ( PURPOSEFUL ACTIVITY)
- सार्वभौमिक प्रक्रिया ( UNIVERSAL PROCESS)
- प्रबंध खुद कार्य नहीं करता परंतु उसका का इसका कार्य अन्य
व्यक्ति द्वारा कार्य को संपन्न कराना कराना होता है।
5.
( AN ART OF GETTING THINGS DONE BY OTHER PEOPLE)
•
DEFINITION ( परिभाषा )
• अर्थशास्त्र आवश्यक
रूप से तर्कसंगत , निश्चित उद्देश्यों को प्राप्त
करने के लिए उपलब्ध साधनों का इष्टतम प्रयोग करने के उपकरणों और तकनीकों का अध्ययन
है ।
•
एक प्रबंधन के उद्देश्यों के अनुसार कई निर्णय लेने
पड़ते हैं इसलिए उनमें रिस्क होता है प्रबंधकीय
अर्थशास्त्र प्रबंधकीय अर्थशास्त्र निश्चित लक्ष्यों की लक्ष्यों को प्राप्त करने
के लिए रिस्क AND UNCERTAINTY वाले निर्णय प्रदान
करता है
•
DEFINITION ( परिभाषा )
• प्रबंधकीय प्रबंधकीय
अर्थशास्त्र से अभिप्राय व्यवसायिक फर्मों और अन्य संस्थाओं संस्थाओं की क्रियाओं
में आर्थिक सिद्धांत विश्लेषण के प्रयोग से है ।
• HAILSONES AND
ROTHWELL : MANAGERIAL ECONOMICS IS THE APPLICATION OF ECONOMIC THEORY AND
ANALYSIS TO PRODUCE BUSINESS FIRM AND OTHER INSTITUTIONS.
• प्रबंधकीय प्
अर्थशास्त्र से अभिप्राय व्यवसायिक फर्मों और अन्य स संस्थाओं की क्रियाओं में
आर्थिक सिद्धांत विश्लेषण के प्रयोग से है ।
• MCNAIR AND MERIAN,” MANAGERIAL ECONOMICS IS THE USE OF ECONOMICS mode of thought to analyse
business situation.
•
मुख्य विशेषताएं ( MAIN
CHARACTERSTICS)
1.
प्रबंधकीय अर्थशास्त्र की प्रकृति माइक्रो
इकोनॉमिक्स माइक्रोइकोनॉमिक्स होती है
2.
प्रबंध की अर्थशास्त्री व्यवहारिक होता है
3.
यह निर्णय लेने के लिए विशेष वातावरण की ओर ध्यान
देता है।
4.
यह मुख्य रूप से धारणा ओ उन धारणा वै सिद्धांतों
का प्रयोग करता है ,जिससे फर्म का सिद्धांत कहा जाता है।
5.
इसका संबंध पॉजिटिव अर्थशास्त्र से ना होकर आदेशतमिक
( NORMATIVE )होता है
6.
प्रबंधकीय अर्थशास्त्र वर्णनात्मक ( DESCRIPTIVE ) नहीं बलिक PRESCRIPTIVE ।
7.
यह मैक्रो अर्थशास्त्र मैक्रो अर्थशास्त्र में भी
उपयोगी है क्योंकि यह व्यापार चक्र राष्ट्रीय आय और आर्थिक नीतियों को समझाने में
सहायता करता है
·
SCOPE
1.
प्रबंधकीय अर्थशास्त्र का क्षेत्र मांग विश्लेषण तथा
पूर्वानुमान ( STUDY OF DEMAND AND
ITS FORECASTING)
2.
लागत व उत्पादन ( ANALYSIS
OF COST AND PRODUCTION)
3.
साधनों का बटन
4.
कीमत निर्धारण ( PRICING DECISIONS,POLICIES AND
PRACTICES)
5.
नीति निर्माण
6.
निवेश की समस्याएं
7.
लाभ प्रबंध ( PROFIT ANALYSIS)
8.
CAPITAL BUDGETING
9.
BREAKEVEN ANALYSIS
10.
NATURE OF MARKET ANALYSIS
•
प्रबंधकीय अर्थशास्त्र के उपयोग
1.
यह परंपरागत अर्थशास्त्र के वह पहलू को प्रस्तुत
करता है । जो वह जीवन में
वास्तविक जीवन में व्यवसाय निर्णय से संबंधित है ।
2.
प्रबंधकीय अर्थशास्त्र का अध्ययन प्रबंधक को मिलने
में प्रबंध को निर्णय में अधिक सक्षम बनाने के लिए विभिन्न उपकरण प्रदान करता है
3.
प्रबंध की अर्थशास्त्र कुछ विषयों पर निर्णय लेना
आवश्यक होता है
A.
किन वस्तुओं का उत्पादन करना है
B.
उत्पादन कैसे किया जाना है
C.
कितनी मात्रा में उत्पादन करना है
D.
उत्पादन किसके लिए किया जाना है उ
E.
पकरणों का प्रतिस्थापन कैसे किया जाए
F.
वितरण कैसे किया जाए
•
प्रबंधकीय अर्थशास्त्र एक रूप निर्णय लेने के लिए
विभिन्न क्षेत्रों को विभिन्न क्षेत्रों का संबंध समवन करके एक ( INTEGRATED) एजेंट का इंटीग्रेटिंग एजेंट का काम करता है
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